सूर्य को जल चढ़ाते समय रखें इन बातों का ध्यान होगा लाभ

हिन्दू धर्म में सूर्य देव को जल अर्पति करने की परम्परा प्राचीन समय से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है की सूर्य देव को जल चढाने से परेशानियों से निजात मिलता है और घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है। कई लोग सूर्य देव को जल अर्पित करते है लेकिन उनको फल की प्राप्ति नहीं होती है। क्यों की जल अर्पित करते समय कुछ बातो को ध्यान में रखना पड़ता है। चलिए आईये जानते है उन खास बातो को।
सूर्य देव को सुबह जल्दी नहाने के बाद जल अर्पित करना चाहिए।
सूर्य देव को जल चढ़ाते समय ॐ सूर्याय नम: मन्त्र का जाप करना चाहिए। यदि किसी दिन सूर्य देव दिखाई नहीं दे तो पूर्व की और मुख करके जल चढ़ाना चाहिए।
जल चढाने के लिए कभी भी चाँदी, स्टील और और शीशे के बर्तन का उपयोग ना करे। सूर्य को ताम्बे के लोटे से जल चढ़ाना चाहिए।
ताम्बे के लोटे में लाल फूल और चावल डालकर जल चढ़ायेगे तो ये ज्यादा शुभ होता है।
हमेशा पूर्व दिशा में मुख कर के जल अर्पित करे।
जल चढ़ाते समय सूर्य को सीधे नहीं देखे, बल्कि लोटे से जो जल नीचे गिर रहा है उसकी धार में ही सूर्य देव को देखे। ऐसा करने पर नव गृह दोष दूर होते है और नेत्र ज्योति बढ़ती है।